साल फ़ूड प्लेट में - मछली बनाने 'कैट्फ़िश' को दूध और अंडे में डालके आटा में डूबा जाता है, एक बर्तन में। फिर अलग अलग मसाले (मिर्च, नमक, स्थानीय मसाले) बर्तन में डालके सब कुछ मिला जाते हैं। सब कुछ भूने जाते हैं।
मैक और चीज़ बनाने में - चीज़, 'पासटा', मक्कन, दूध, क्रेम, और नमक इस्तेमाल किया जाता है। वह बर्तन में पकते है।
कॉर्न-ब्रेड बनाने में - दूध, आटा, चीनी, अंडे, मक्कन, 'बेकिंग पाउडर, और बटर मिल्क का इस्तेमाल होता है। कॉर्न-ब्रेड तंदूर जैसा चीज़ (अवन ) में बनाया जाता है। इसे बेकिंग कहते हैं :)
ब्रेक्फ़स्ट टाकोज़ बनाने में आटा, अंडे, मक्कन, हरा मिर्च, ज़ीरा, प्याज़, नमक, एंड बींज़ का इस्तेमाल होते हैं। जिस तरह से रोटी बनती हैं उसी तरह 'टॉर्टीअ' बनते हैं। सारे सामग्री टॉर्टीअ में डाला जाता है। अंडे, मसले, और सब्ज़ियाँ साथ साथ पकते हैं। फिर पकने के बाद सब कुछ टॉर्टीअ में डालकर खाया जाता है।
इन खाने के तलक स्थानीय वातावरण से जुड़ सकते हैं। जब लोग सफ़र करते हैं तब वे अपने खाने और तहज़ीब लाते हैं। जब अफ़्रीकन अमेरिकन लोग कॉलेज स्टेशन टेक्सस में रहने लगे तो वे अपने खाना बनाने के तरीक़ा लाए थे। यह तो मेरा अपना समुदाय है। सोल फ़ूड - अफ़्रीकन, नेटिव (अमरीकन आदिवासी), और यूरोपीं असर से शुरू हुआ। जब से लोग यहाँ रहते हैं तब से वे अपने खाना इस संदिर्भ में बनते हैं।
टेक्सस मेक्सिको के हिस्से थे।टेक्सस के आज़ादी के युध के बाद वह अमरीका का हिस्सा बन गया। फिर भी पुराना असर रहा। टेक्स-मेक्स खाना एक स्थानित्य खाने का उदाहरण है। शुरू में अंडे टाकोज़ में नहीं डाले जाते थे। लोग अपने टॉर्टीअ में गोश्त और बींज़ डालते थे। चूँकि टेक्सस खाने में अंडे खाना लोकप्रिया होते हैं इसलिए टाकोज़ का हिस्सा बने। आज़ादी के बाद ब्रेक्फ़स्ट टाकोज़ शुरू हुआ।