मेरा दफ़्तर अपने घर से क़रीब आधा मील है इसलिए दफ़्तर जाने के लिए मैं रोज़ रोज़ पैदल करता हूँ। मुझे पैदल करना बहुत अच्छा लगता है। पैदल करने से मैं अलग अलग लोगों से मिल सकता है। पैदल करते समय, मुझे प्रकृति को देखने का मौक़ा मिलता है।कठिन बात तो यह है कि दोपहर में धूप काफ़ी तेज़ होती है। इसलिए पैदल करना थोड़ा बहुत मुश्किल होते हैं। जब मैं बस से आता-जाता हूँ, तो कभी कभी मुझे तनाव में डाला जाता है। बस जल्दी से भर जाता हैं। जब बस भर जाता तो बस के अंदर ज़्यादा गरमी लगने लगता है। एक अच्छी बात यह है कि जब मैं बस का इस्तेमाल करते हैं तो मैं अपने छात्रों से बात कर सकता हूँ। जब मैं अपनी गाड़ी से आता-जाता हूँ तब मुझे बहुत मज़े आते हैं। गाड़ी का इस्तेमाल करना बहुत आसान होते हैं। मैं बाज़ार जल्दी से जा सकता हूँ। मैं अपने दोस्त के यहाँ जा सकता हूँ। मुझे पैदल करना सब से ज़्यादा पसंद है क्योंकि इस विकल्प पारियावरण के लिए उत्तम है।
आना-जाना संस्कृति और पारियावरण के सम्बंध मज़बूत है। अमरीका में गाड़ी आज़ादी का पप्रातिक है। बीसवीं शताब्दी में बहुत सारे हाइवे बनवाया गया। गाड़ी से लोग पूरा देश घूम सकते थे। हालाँकि इस तरह आज़ादी इंसान के लिए अच्छे होते थे पारियावरण के लिए अच्छा नहीं होता। बड़ी शहोर में लोग एक दूसरे के ऊपर जम हो जाते हैं। न्यू यॉर्क, शिकागो जैसे बड़े शहरों में लोग पैदल करना और जनसाधारण पारिवहन बहुत पसंद करते हैं। लोग बस से और 'मेट्रो ट्रेन' से आते-जाते हैं। उन बड़े शहर में यातायात धीमी चाल से चलता है। जहाँ भी मैं जाता हूँ मैं साफ़-सूत्र मुहल्ले में पैदल करना पसंद करता हूँ और मुझे तेज़ी बस और ट्रेन में बैठना पसंद करता हूँ!