शूरवाती महीना, यहाँ न्यू हेवन में काफ़ी दिलचस्प था, पर जैसे जैसे चीज़ें थोड़ी स्थिर होने लगी, मुझे घर की याद आने लगी, अपने लोग, अपनी सभ्यता-- ख़ुशी की बात यह है कि मुझे काफ़ी दिनो तक इस याद में नहीं जीना पड़ा। मेरे आस पास के लोग और यहाँ का काम मुझे व्यस्त भी रखता है और मैं ख़ुश भी रहती हूँ।
मैं यहाँ येल में हिंदी पढ़ाती हूँ। मेरे कई विद्यार्थी अमरीकी हैं, और कई अमरीकी-भरतिया छात्र भी हैं। मुझे हर किसी से सीखने की प्रेरणा मिलती है और हर कोई अपनी कहानी कहता है।
हम नें बहरहाल काफ़ी कुछ सीखा। हमने अपनी क्लास में दिवाली और दशहरा मनाया, हमने वैलेंटायंज़ डे भी मनाया और हमने हैलोईन पर भूत की कहानियाँ भी सुनायी।
मेरे अध्यापक साथियों में ब्रज़िलीयन, केन्यन, इंडॉनीज़न, रूसी और तुर्की लोग हैं। हम अक्सर एक दूसरे को खाने-पीने की दावत देते हैं और एक दूसरे के समाज और संस्कृति की बातें भी करते हैं।
मैंने यहाँ स्कीइंग की और आइस हॉकी का खेल भी देखा जो काफ़ी मज़ेदार था!